कुछ तो शर्म करो
उन्हें मालूम था कि आतंकी कहां से आएंगे और कहां हमला करेंगे। सिर्फ यहीं नहीं मालूम था कि वे कब हमला करेंगे। शायद इसीलिए चौकसी नहीं बरती गई। फिर भी नेताओं को शर्म तो आती नहीं।
गृहमंत्री शिवराज पाटिल खुद मानते हैं कि खुफिया तंत्र ने आतंकी हमले की सूचना पहले ही दे दी थी।
फिर भी सुरक्षा तंत्र चैन की नींद सोता रहा और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दहलती रही। अगर सुरक्षा तंत्र समय रहते चेत जाता तो न ही इतने लोग मारे जाते और न ही जांबाज अफसर शहीद होते।
भले ही मुंबई में हुए आतंकी हमलों को देश का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा हो, लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री आरआर पाटिल इसे छोटी-मोटी वरदात मान रहे हैं। उनका कहना है कि बड़े शहरों में इस तरह की एकाध घटनाएं हो जाती हैं। पाटिल राज्य के गृह विभाग का भी कामकाज देख रहे हैं।
अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकवाद से निपटने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। और अब कह रहे हैं कि आतंकवाद पर काबू पाने के लिए मौजूदा कानून को कड़ा किया जाएगा। इनकी बातों से तो यहींलगता है कि इन्होंने न अब तक कुछ किया है और न ही आगे कुछ करेंगे। बस यूं ही बरगलाते रहेंगे।