फिर हुए शर्मशार
राष्ट्र के प्रति हम इतने गंभीर और जागरूक हैं तभी तो कभी राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहरा दिया जाता है तो कभी जमीन पर गिरा दिया जाता है, और कभी समारोह खत्म होने के बाद उसे पैरों तले रौंदा जाता है।
इस बार हरियाणा के अंबाला में एक दुकान पर ग्राहकों को नाश्ता और खाना परोसने के लिए ऐसी कागजी प्लेटों का इस्तेमाल किया गया, जिन पर राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान अंकित था।
इस घटाना ने फिर से लोगों को शर्मसार कर दिया है। हर साल इस तरह की सैकड़ों घटनाएं होती हैं। कहा जाता है कि अनजाने में ऐसा हो गया। लेकिन बार-बार ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं?
4 Comments:
क्योँकि लातोँ के भूत बातोँ से नही मानते.
अजी शर्म तो हम भुल गये बस बार बार शार ही हो रहे है.
धन्यवाद
सच मे बहुत शर्मनाक वाकया है ...
Regards
उफ... बेहद शमर्नाक। प्लेट्स बनाने वाले से लेकर परोसने वालों तक किसी की ध्यान नहीं गया। तिरंगे की ऐसी बेकद्री पर किसे कोसा जाए। कहीं ना कहीं खुद को भी।
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