Sunday, November 9, 2008

कब बंद होंगे बोरवेल ?

जब तक लोग यह नहीं सोचेंगे कि मेरी जरा सी लापरवाही किसी की जान पर भारी पड़ सकती है, तब तक वे यूं ही बोरवेल खुला छोड़ते रहेंगे। और ये बोरवेल कभी आगरा के सोनू तो कभी कन्नौज के पुनीत जैसे मासूमों की जिंदगी छीनते रहेंगे।

हर बार लापरवाही किसी न किसी मासूम को निगल लेती है। आखिर कब बंद होंगे लापरवाही और लालच के बोरवेल? मासूमों से खिलवाड़ करने वालों पर कब कसेगा शिकंजा? बोरवेल की खुदाई के दौरान और बाद में सुरक्षा के क्या इंतजाम किए जाते हैं? खुले और बेकार पड़े बोरवेल और मैनहोल पर प्रशासन की निगाह क्यों नहीं जाती?

ऐसे लापरवाह लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती? कहीं इन हादसों का जिम्मेदार प्रशासन तो नहीं? आखिर इन मौत के गडढों पर कब लगेगा जिंदगी का ढक्कन? या फिर यूं ही इनमें गिरकर मासूम दम तोड़ते रहेंगे?

4 Comments:

At November 9, 2008 at 11:09 PM , Blogger Satish Saxena said...

अच्छा विषय लिया है आपने बधाई !

 
At November 10, 2008 at 1:31 AM , Blogger राज भाटिय़ा said...

जिस दिन किसी उच्च अधिकारी ा, ओर इन नेताओ का कोई अपना इन मै गिरेगा, ओर उन्हे इस बार का अहासास होगा तब.
धन्यवाद

 
At November 10, 2008 at 6:23 AM , Blogger Udan Tashtari said...

सख्त कार्यवाही की आवश्यक्ता है.

 
At November 10, 2008 at 10:18 AM , Blogger seema gupta said...

" scah kha hai, na jane kitne masum is ka grass bn chuke hain magar nateeja kuch bhee nahee nikla.."

regards

 

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