कैसे कम होंगी घटनाएं?
अपराध में आए दिन इजाफा हो रहा है, सरकार भी इस बात से भलीभांति परिचित है। इसके बावजूद वह आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के बजाए सिर्फ आंकड़े ही पेश कर रही है। जितना समय इसमें बर्बाद किया जाता है, अगर उतनी देर में इस समस्या के समाधान पर विचार किया जाए तो क्या बुराई है?
सरकार ने राज्यसभा में भले ही यह बताया हो कि देश में प्रत्येक पच्चीस मिनट में एक और हर दिन दुष्कर्म की सत्तावन घटनाएं हुई। मगर यह क्यों नहीं बताया वह इसके रोकथाम के लिए क्या कदम उठा रही है?
केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने सदन में लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष दो हजार सात के दौरान हर दिन सत्तावन और हर पच्चीस मिनट में एक बलात्कार की घटना तथा हर दिन छप्पन और छब्बीस मिनट में एक अपहरण की घटना दर्ज की गई।
हर दिन दहेज प्रताड़ना के बाईस और हर एक घंटा पांच मिनट में इसका एक मामला दर्ज हुआ। प्रतिदिन छेड़छाड़ के एक सौ छह और हर चौदह मिनट में एक यौन उत्पीड़न का हर दिन तीस और हर अड़तालीस मिनट में एक मामला दर्ज हुआ।
हर दिन दो सौ आठ तथा हर सात मिनट में पति एवं संबंधियों द्वारा उत्पीड़न की एक घटना दर्ज हुई।
मगर यह खुलासा क्यों नहीं किया गया कि इनमें से कितने मामलों पर कार्रवाई हुई है? क्या सिर्फ आपराधिक मामले दर्ज कर लेने से ही उसका समाधान हो जाएगा? कड़ाई से कार्रवाई क्यों नहीं होती?
3 Comments:
आपराधिक घटनाओं के कम होने के अभी कोई आसार नहीं दिखते....अच्छे आलेख के लिए धन्यवाद।
अरे अगर यह घटना खत्म हो गई तो जनता सुखी हो जाये गी, जब सुखी हो जायेगी तो उसे सोचने का वक्त मिल जायेगा, कि यह कुते नेता है , देश का या जनता का कुच नही कर सकते, फ़िर जनता इन्हे वोट देगी क्या..... तो जनाव यह सब करने वाले खुदी यह है, फ़िर रोक्थाम केसी???
सुंदर विचार
धन्यवाद
दीप मल्लिका दीपावली - आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
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