Sunday, October 12, 2008

दिशाहीन युवा

हमारी युवा पीढ़ी दिशाहीन होती जा रही है। समाज के दुश्मनों ने उसे नशे का आदी बना दिया है। युवा नशे के दलदल में ऐसे फंस हैं कि वहां से उनका निकलना मुश्किल हो गया है। नशे में पैसा तो बर्बाद होता ही है। साथ ही, शरीर भी बेकार हो जा रहा है पर युवा इससे बेखबर हैं। यह चिंता का विषय है।

जिस उम्र में युवाओं को पढ़ाई कर अपना और देश का भविष्य सुधारना चाहिए, उस उम्र में उन्हें गुमराह किया जा रहा है। युवा भी पश्चिमी संस्कृति का अनुशरण कर रातोंरात अमीर बनने की ख्वाहिश पाले बैठे हैं। वे बिना कुछ किए ही शीघ्र अमीर बनना चाहते हैं, ऐसा न होने पर वह नशे का सहारा लेने लगते हैं। नशा उन्हें अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है पर उन्हें इसका भान ही नहींहै।

जरा सी बात पर युवाओं को उग्र होते देर नहींलगती है। वह कुछ भी कर गुजरने की ठान लेते हैं। स्कूल और कालेज में गोलीबारी करने में भी उनके हाथ नहींकांपते हैं। महिलाओं और युवतियों पर तेजाब फेंकने से भी वे नहीं हिचकिचाते हैं।

समाज में धन की अधिकता और प्राइवेसी की बढ़ती प्रवृत्ति ने युवाओं को अकेला कर दिया है। ऐसा नहीं है कि इसके लिए सिर्फ वे ही कसूरवार हैं, बल्कि हम सब बराबर के दोषी हैं।

14 Comments:

At October 12, 2008 at 10:18 PM , Blogger श्रीकांत पाराशर said...

Bilkul sahi kaha aapne. kewal yuva hi doshi nahin is sthiti ke liye, samaj aur uske aas-paas ka vatavaran bhi jimmedar hai.

 
At October 12, 2008 at 10:18 PM , Blogger श्रीकांत पाराशर said...

Bilkul sahi kaha aapne. kewal yuva hi doshi nahin is sthiti ke liye, samaj aur uske aas-paas ka vatavaran bhi jimmedar hai.

 
At October 12, 2008 at 10:27 PM , Blogger रंजन राजन said...

कुछ फीसदी युवाओं के भटक जाने से पूरी युवा पीढ़ी को ही नशे की दलदल में नहीं बताया जा सकता। आज का युवा वर्ग उल्लेखनीय उपलिब्धयां हासिल करने वालों में भी शामिल है। और फिर आपकी फोटो देख कर ऐसा लगता है कि आप भी युवा है। अपने बारे में क्या खयाल है???

 
At October 12, 2008 at 10:34 PM , Blogger PREETI BARTHWAL said...

सिगरेट के धुंए को शान समझ कर उङाने वाले युवाओं की कमी नही है। सच में आज की पीङी में गुस्सा ज्यादा ही देखा जा रहा है। छोटी छोटी बातों पर खून खराबे पर उतारु हो जाते हैं। सहनशीलता का नामोनिशान ही नही दिखता है उनमें।

 
At October 13, 2008 at 1:10 AM , Blogger राज भाटिय़ा said...

यह इन युवाओ की गलती नही उन के मां वाप की गलती है जो उन्हे एक हद तक छुट दे देते है, क्योकि उन मे खुद ही संस्कार नही तो वह अपने बच्चो को क्या संस्कार देगे, रंजन राजन जी की बात भी ठीक है सभी नही लेकिन फ़िर भी बहुत से युवा गलत रास्ते पर है, जिन का अन्त सब को मालुम है...
धन्यवाद

 
At October 13, 2008 at 10:26 AM , Blogger seema gupta said...

' drug addiction is a pleasurable begning which ends with disaster, but youngstr dont want to undesrtand it, great prtesentation'

regards

 
At October 13, 2008 at 10:55 AM , Blogger Anil Pusadkar said...

स्कूल की बगल मे पान ठेले और कालेज के बगल मे बार खुलेंगे तो ये हाल होना तय है।ज़रुरत है इस पर रोक थाम की और वो सरकार करेगी नही क्योंकी नशे की बिक्री से मिलने वाली कमाई से ही सरकार के काम-काज़ होते हैं। अच्छा सवाल उठाया है आपने।

 
At September 16, 2016 at 12:03 PM , Blogger Unknown said...

Liked it..................-_-

 
At July 6, 2018 at 12:25 PM , Blogger Scribbler.assort said...

Yes this is absolutely right all are equally accused

 
At January 20, 2020 at 7:04 PM , Blogger Unknown said...

आप सब की बातें सही हैं हम कहीं न कहीं ईन सब चीजों के जिम्मेदार हैं | आज के युवा अनेकों क्षेत्रो में अपना परचम लहरा रहे हैं कुछ युवाओं के कारण उनको दोषी नहीं ठहराया जा सकता

 
At June 18, 2020 at 7:16 PM , Blogger Unknown said...

Nice thought

 
At October 18, 2020 at 6:00 AM , Blogger Unknown said...

Sahi baat hai

 
At October 18, 2020 at 6:01 AM , Blogger Unknown said...

Esh se acchaa to vo mar he jayen nasha karne wale roj roj dtame

 
At January 4, 2021 at 8:39 PM , Blogger prerit said...

This comment has been removed by the author.

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home