दिशाहीन युवा
हमारी युवा पीढ़ी दिशाहीन होती जा रही है। समाज के दुश्मनों ने उसे नशे का आदी बना दिया है। युवा नशे के दलदल में ऐसे फंस हैं कि वहां से उनका निकलना मुश्किल हो गया है। नशे में पैसा तो बर्बाद होता ही है। साथ ही, शरीर भी बेकार हो जा रहा है पर युवा इससे बेखबर हैं। यह चिंता का विषय है।
जिस उम्र में युवाओं को पढ़ाई कर अपना और देश का भविष्य सुधारना चाहिए, उस उम्र में उन्हें गुमराह किया जा रहा है। युवा भी पश्चिमी संस्कृति का अनुशरण कर रातोंरात अमीर बनने की ख्वाहिश पाले बैठे हैं। वे बिना कुछ किए ही शीघ्र अमीर बनना चाहते हैं, ऐसा न होने पर वह नशे का सहारा लेने लगते हैं। नशा उन्हें अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है पर उन्हें इसका भान ही नहींहै।
जरा सी बात पर युवाओं को उग्र होते देर नहींलगती है। वह कुछ भी कर गुजरने की ठान लेते हैं। स्कूल और कालेज में गोलीबारी करने में भी उनके हाथ नहींकांपते हैं। महिलाओं और युवतियों पर तेजाब फेंकने से भी वे नहीं हिचकिचाते हैं।
समाज में धन की अधिकता और प्राइवेसी की बढ़ती प्रवृत्ति ने युवाओं को अकेला कर दिया है। ऐसा नहीं है कि इसके लिए सिर्फ वे ही कसूरवार हैं, बल्कि हम सब बराबर के दोषी हैं।
14 Comments:
Bilkul sahi kaha aapne. kewal yuva hi doshi nahin is sthiti ke liye, samaj aur uske aas-paas ka vatavaran bhi jimmedar hai.
Bilkul sahi kaha aapne. kewal yuva hi doshi nahin is sthiti ke liye, samaj aur uske aas-paas ka vatavaran bhi jimmedar hai.
कुछ फीसदी युवाओं के भटक जाने से पूरी युवा पीढ़ी को ही नशे की दलदल में नहीं बताया जा सकता। आज का युवा वर्ग उल्लेखनीय उपलिब्धयां हासिल करने वालों में भी शामिल है। और फिर आपकी फोटो देख कर ऐसा लगता है कि आप भी युवा है। अपने बारे में क्या खयाल है???
सिगरेट के धुंए को शान समझ कर उङाने वाले युवाओं की कमी नही है। सच में आज की पीङी में गुस्सा ज्यादा ही देखा जा रहा है। छोटी छोटी बातों पर खून खराबे पर उतारु हो जाते हैं। सहनशीलता का नामोनिशान ही नही दिखता है उनमें।
यह इन युवाओ की गलती नही उन के मां वाप की गलती है जो उन्हे एक हद तक छुट दे देते है, क्योकि उन मे खुद ही संस्कार नही तो वह अपने बच्चो को क्या संस्कार देगे, रंजन राजन जी की बात भी ठीक है सभी नही लेकिन फ़िर भी बहुत से युवा गलत रास्ते पर है, जिन का अन्त सब को मालुम है...
धन्यवाद
' drug addiction is a pleasurable begning which ends with disaster, but youngstr dont want to undesrtand it, great prtesentation'
regards
स्कूल की बगल मे पान ठेले और कालेज के बगल मे बार खुलेंगे तो ये हाल होना तय है।ज़रुरत है इस पर रोक थाम की और वो सरकार करेगी नही क्योंकी नशे की बिक्री से मिलने वाली कमाई से ही सरकार के काम-काज़ होते हैं। अच्छा सवाल उठाया है आपने।
Liked it..................-_-
Yes this is absolutely right all are equally accused
आप सब की बातें सही हैं हम कहीं न कहीं ईन सब चीजों के जिम्मेदार हैं | आज के युवा अनेकों क्षेत्रो में अपना परचम लहरा रहे हैं कुछ युवाओं के कारण उनको दोषी नहीं ठहराया जा सकता
Nice thought
Sahi baat hai
Esh se acchaa to vo mar he jayen nasha karne wale roj roj dtame
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