तू सी ग्रेट हो
कभी मुर्दा बोल उठता है कि पानी पिलाओ! तो कभी मृत घोषित बच्चा स्वस्थ!! दरअसल यह सब कुछेक की मेहनत और लगन का ही तो नतीजा है।
अगर ऐसा न होता तो भला बताओ कि मरने के बाद भी क्या कोई व्यक्ति बोल सकता है ? नहीं ना लेकिन पिछले माह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नयना देवी मंदिर में मची भगदड़ के दौरान प्रशासन की लापरवाही के चलते एक घायल को मृत मानकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पोस्टमार्टम के कुछ समय पहले चेतना आ गई और वह उठ कर बैठ गया। उसने पानी मांगा तो वहां मौजूद लोग भौच्चके रह गए थे।
तीन माह पूर्व कोलकाता में जिस बच्चे को एक बड़े अस्पताल में मृत घोषित कर दिया था, वह अब पूरी तरह स्वस्थ है और अस्पताल से उसे जल्द छुट्टी मिलने वाली है।
ये लोग इतनी मेहनत से क्यों काम करते हैं कि जिंदा इंसान को भी मुर्दा बनाने से गुरेज नहीं करते। पता नहीं सरकार इनकी ओर क्यों ध्यान नहीं देती। अरे यहीं तो भारत रत्न के हकदार हैं। देश को महान बनाने में इनका अहम योगदान भी तो रहा है।
8 Comments:
अच्छा लिखा आपने।पता नही कब नींद टुटेगी सबकी
sachinji,
laparvahi chodkar hi eisi istithiyon sey bacha ja sakta hai.
बढ़िया मुद्दा उछाला है। धन्यवाद।
"Oh god, this is height of carelesnes very thoughtful artical"
Regards
सत्य वचन !! गलतीयो पे गलतीया इनका विशेष अधिकार है !!
सत्य वचन !! गलतीयो पे गलतीया इनका विशेष अधिकार है !!
यह कमाल हे हमारे मुन्ना भाई ड्रा० टाईप लोगो का, जो पता नही कहां से डिगरियां ले आते हे, ओर फ़िर..... जिन्दा लोगो को भी... मुर्दा सबित करते हे....
ओर जिस भी ड्रा० ने यह किया उस की डिग्री उसी समय खतम कर देनी चाहिये,
धन्यवाद
दमदार मुद्दा है , भगवान भरोसे गाडी चल रही है!
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