Sunday, October 5, 2008

ये भी तो रुके

सरहदी इलाकों से आए दिन करोड़ों रुपये की हेरोइन पकड़ी जा रही है। फिर भी इसे हल्के में लिया जा रहा है।

सच तो यह है कि मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़ा एक बड़ा माफिया देश में अपने पांव पसार रहा है। पुलिस केवल इस गोरखधंधे में संलिप्त छोटी मछलियों को ही पकड़ कर मामले की इतिश्री कर देती है, जबकि कुछ दिनों बाद सरगना फिर अपना सिर उठाना शुरू कर देते हैं।

जिस तरह अगर कोई व्यक्ति अपने शक्तिशाली शत्रु से नहीं जीत पाता है तो वह उसके बच्चों को बिगाड़ने की कोशिश करता है। ठीक इसी तरह पड़ोसी मुल्क की यह कोशिश है कि मादक पदार्थो की खेप को भारत में भेज कर युवाओं को इसका आदि बनाया जाए, ताकि नशे की लत में युवा उनके मंसूबों को पूरा कर सकें।

तस्करी के बढ़ते मामलों को अब गंभीरता से लिया जाना जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल युवा पीढ़ी नशे की गर्त में जा रही है बल्कि यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। यह तभी संभव होगा जब बीएसएफ, सेना और पुलिस आपस में समन्वय रखते हुए काम करे।

7 Comments:

At October 5, 2008 at 11:57 PM , Blogger Anil Pusadkar said...

नशए की तस्करी सुनियोजित ढंग से होती है और तस्करों के हाथ पुलिस से लंबे होते हैं।

 
At October 6, 2008 at 12:20 AM , Blogger राज भाटिय़ा said...

अजी इस मे तो नेता बाबा लोग भी मिली भगत करते है तो यह पुलिस क्या करेगी... जड खतम तो तभी होगी जब सरकार चाहेगी
धन्यवाद

 
At October 6, 2008 at 12:39 AM , Blogger Udan Tashtari said...

यह तस्करी भी एक बहुत बड़ी समस्या है.

 
At October 6, 2008 at 1:03 AM , Blogger Dr. Ashok Kumar Mishra said...

sachinji,
aapney jab ye likha uskey baad to vimaan mein hayroein pakdi gai. madak padarthon ki taskari rokna jaroori hai.

 
At October 6, 2008 at 9:43 AM , Blogger seema gupta said...

'ah every thing is preplanned, subke mile bhagat hotte hai, kaun rokega isko..'

regards

 
At October 6, 2008 at 8:49 PM , Blogger PREETI BARTHWAL said...

यह एक बहुत ही विकट समस्या है। जिसको सुलझाना बहुत ही जरुरी है।

 
At October 10, 2008 at 7:57 PM , Blogger Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " said...

पैसा-सत्ता-बाहुबल,राक्षसी गठजोङ.
जनता को हैं लूटते मचा-मचा कर होङ.
मचा-मचा कर होङ,करोङों वारे-न्यारे.
लूट रहे हैं चोर लफ़ंगे और हत्यारे.
कह साधक इस भ्रष्ट-तन्त्र का काटो पत्ता
रक्षसी गठजोङ, बाहु-बल-पैसा-सत्ता.

 

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