ये भी तो रुके
सरहदी इलाकों से आए दिन करोड़ों रुपये की हेरोइन पकड़ी जा रही है। फिर भी इसे हल्के में लिया जा रहा है।
सच तो यह है कि मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़ा एक बड़ा माफिया देश में अपने पांव पसार रहा है। पुलिस केवल इस गोरखधंधे में संलिप्त छोटी मछलियों को ही पकड़ कर मामले की इतिश्री कर देती है, जबकि कुछ दिनों बाद सरगना फिर अपना सिर उठाना शुरू कर देते हैं।
जिस तरह अगर कोई व्यक्ति अपने शक्तिशाली शत्रु से नहीं जीत पाता है तो वह उसके बच्चों को बिगाड़ने की कोशिश करता है। ठीक इसी तरह पड़ोसी मुल्क की यह कोशिश है कि मादक पदार्थो की खेप को भारत में भेज कर युवाओं को इसका आदि बनाया जाए, ताकि नशे की लत में युवा उनके मंसूबों को पूरा कर सकें।
तस्करी के बढ़ते मामलों को अब गंभीरता से लिया जाना जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल युवा पीढ़ी नशे की गर्त में जा रही है बल्कि यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। यह तभी संभव होगा जब बीएसएफ, सेना और पुलिस आपस में समन्वय रखते हुए काम करे।
7 Comments:
नशए की तस्करी सुनियोजित ढंग से होती है और तस्करों के हाथ पुलिस से लंबे होते हैं।
अजी इस मे तो नेता बाबा लोग भी मिली भगत करते है तो यह पुलिस क्या करेगी... जड खतम तो तभी होगी जब सरकार चाहेगी
धन्यवाद
यह तस्करी भी एक बहुत बड़ी समस्या है.
sachinji,
aapney jab ye likha uskey baad to vimaan mein hayroein pakdi gai. madak padarthon ki taskari rokna jaroori hai.
'ah every thing is preplanned, subke mile bhagat hotte hai, kaun rokega isko..'
regards
यह एक बहुत ही विकट समस्या है। जिसको सुलझाना बहुत ही जरुरी है।
पैसा-सत्ता-बाहुबल,राक्षसी गठजोङ.
जनता को हैं लूटते मचा-मचा कर होङ.
मचा-मचा कर होङ,करोङों वारे-न्यारे.
लूट रहे हैं चोर लफ़ंगे और हत्यारे.
कह साधक इस भ्रष्ट-तन्त्र का काटो पत्ता
रक्षसी गठजोङ, बाहु-बल-पैसा-सत्ता.
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