Tuesday, October 14, 2008

ये कैसी सजा

जरा सी भूल की उसे ऐसी सजा मिली, जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।

दरअसल, डिलीवरी पेन से जूझ रही एक महिला घर से हेल्थ कार्ड लाना भूल गई। इस कारण उसे अस्पताल में भर्ती करना तो दूर धक्के देकर बाहर निकाल दिया गया।

वह रात में दर्द से चीखती रही, मिन्नतें करती रही। फिर भी किसी का दिल नहीं पसीजा और न ही कोई उसकी मदद के लिए आया। आखिरकार दर्द से चीखती उस महिला को अस्पताल के गेट पर ही बच्ची को जन्म देना पड़ा।

हांलाकि अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि महिला का पति नशे में था इसलिए उसे नहीं भर्ती किया गया। अगर उक्त महिला का पति नशे में भी था तो क्या उसे मरने के लिए छोड़ देना उचित है? इसमें उसका क्या कसूर था?

घटना किसी गांव या कस्बे की नहीं,बल्कि राष्ट्रीय राजधानी के पश्चिम विहार इलाके की है।

इस घटना ने जिन्हें हम भगवान का दूसरा रूप मानते हैं, यानी डाक्टरों की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है।

6 Comments:

At October 14, 2008 at 9:54 PM , Blogger Unknown said...

भैया दुखद घटना है । जहां पर नियम लगाने चाहिए वहां पर धड़ाम हो जाते है ।

 
At October 14, 2008 at 11:13 PM , Blogger mehek said...

sab log doctor par kyun ungali uthate hai,bharti karna hospital reception par hota hai,mariz doctor ko thapad binavajh marta hai tab kaha jati hai aap sab ki sawedana,kya doctor insaan nahi.ek doctor resident se uske kshamata se jyada kaam karati hai sarkar,tab kaha hoti hai ye sawendana,aare hum doctor ko do do din tak khaye bina operation karne hote hai tab kaha hoti hai ye sawedana,sab ko pateint ki padi hai,kabhi sarkari hospital jaakar doctor ki kitni buri halat hoti hai,koi suvidha nahi patient ke liye,uske viparit kaam karte hai,uske baare mein kyun nahi likhte ap log.

 
At October 15, 2008 at 1:04 AM , Blogger राज भाटिय़ा said...

जब ड्रा० भि देख रहा हो तो, क्या किडनी भी reception वाले ही निकालते है, माफ़ करना , निकालते नही चोरी करते है???? कुछ ड्रा० को छोड कर भारत मै जो हाल ड्रा० का है यह सब को मालुम है.
धन्यवाद इस दुख्द घटना को बांटने के लिये

 
At October 15, 2008 at 1:34 AM , Blogger Dr. Ashok Kumar Mishra said...

daiviya vyavsay mein amanviyata bahut khatarnaak hai.

 
At October 15, 2008 at 11:53 AM , Blogger seema gupta said...

'sharmnak hai, kya ho gya hai insaneeyt ko, bhut dukhd.."

regards

 
At October 18, 2008 at 5:34 PM , Blogger शोभा said...

haan ye ghatna dil ko dhukhi karne wali hai.

 

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