...तो उनका क्या होगा?
अपराध करने पर अगर सजा नहीं मिलेगी तो फिर अपराधी के हौंसले बुलंद होंगे ही। ऐसा ही कुछ राज ठाकरे के साथ हो रहा है। अगर पहली बार ही उसे अपने किए की सजा मिल जाती तो दोबारा वह दबंगई न करता। पर अपने देश के नेताओं और कानून व्यवस्था को क्या कहें, यह तो अपराधी के समक्ष नतमस्तक हो जाती है।
अगर ऐसा न होता तो राज यह चेतावनी नहीं देता कि हिम्मत है तो सरकार उसे गिरफ्तार कर दिखाए। खैर, अगर गिरफ्तारी हो भी जाती है तो भी जेल में सरकारी दामाद बनकर रहेगा ही। और कुछ दिन में जमानत हो जाएगी। फिर निशाने पर होंगे उत्तर भारतीय।
क्या राज को मराठों की रक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार ने लाइसेंस दे रखा है? क्या महाराष्ट्र पुलिस मराठा लोगों की जान-माल की सुरक्षा नहीं कर सकती? क्या मराठा लोग उत्तर भारतीयों की तरफ से खतरे में हैं, जो राज की पार्टी का कोपभाजन बनते हैं?
राज कभी नौकरियों के नाम पर उत्तर भारतीयों को निशाना बनाते हैं, कभी विकास के नाम पर मराठा लोगों को आगे लाने के लिए उत्तर भारतीयों पर हमले करते हैं, कभी टैक्सी वालों को उत्तर भारतीय कहकर तोड़फोड़ करते हैं, तो कभी बच्चन परिवार का नाम लेकर कोसते हैं कि वह मराठा की बात क्यों नहीं करते, इलाहाबाद की बात क्यों करते हैं।
राज ने जो अभियान उत्तर भारतीयों के खिलाफ छेड़ा है। अगर इसी तरह का अभियान अन्य लोग भी छेड़ दें तो बाहर रहने वाले मराठियों का क्या होगा?
5 Comments:
राज को पता हो या न हो पर वह भारत के विरुद्ध साम्राज्यवादी षडयंत्र का औजार है। आज की कांग्रेस पार्टी उस साम्राज्यवादी शक्ति की हित पोषक है। समझ रहे है ?........ अच्छा हो की हम राज को महत्व ना दे, उसकी कही बातो पर कोई प्रतिकृया न दें।
sach kah rahe hai.
आप का कथन सही है
धन्यवाद
बिल्कुल सही कह रहे हैं..बहुत न्यूसेन्स वेल्यू है भाई.
Bilkul sahi kah rahe hain aap. desh bhar men rah rahe marathiyon ke prati logon men agar nafrat paida hogi to iske liye raj thakre hi jimmedar honge. nafrat failane walon ke khilaf aur unko protsahit karne walon se nipatne ke liye bhi ek kada kanoon kona chahiye.
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