काश, बच जाए पुनीत
अगर पिछली घटनाओं से सबक लिया गया होता तो फिर उत्तर प्रदेश के कन्नौज के गुरसहायगंज में शनिवार को नौ वर्षीय पुनीत 60 फीट गहरे बोरवेल में 32 फीट पर न फंसा होता। बार-बार एक जैसी ही घटनाओं की पुनरावृत्ति क्यों होती है? क्यों नहीं उनसे सबक लिया जाता?
दो साल पहले कुरुक्षेत्र में प्रिंस बोरवेल में गिर गया था। उसे सेना की मदद से बचा लिया गया था। अगर पिछले माह आगरा में सोनू की बोरवेल में गिरने से हुई मौत से सबक लिया जाता तो क्या फिर ये नौबत आती? सोनू की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को तत्काल बोरवेल बंद कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन क्या सिर्फ निर्देश देने भर से समस्या का समाधान हो जाएगा। जरूरत इस बात की थी कि सख्ती से इस पर अमल किया जाता।
खैर, आओ हम सब दुआ करें कि काश,बच जाए पुनीत.
2 Comments:
हमारी दुआऐं साथ हैं.
हम नही सुधरेगे....
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