उसे चाहिए जवाब
उसे सिर्फ इसलिए पीटकर मार डाला गया, क्योंकि वह उत्तर भारतीय था। उसके साथियों की न सिर्फ पिटाई की गई, बल्कि उन्हें चलती ट्रेन में मुर्गा भी बनाया गया। यह करतूत चोर या लुटेरों की नहीं,बल्कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के हुड़दंगियों की है। क्षेत्रवाद की ओछी राजनीति करने वाले ये लोग आखिर क्या साबित करना चाहते हैं? आखिर कब ये क्षेत्रवाद की राजनीति थमेगी?
जब राहुल को मारा गया था, तब यह कहा जा रहा था कि गोली का जवाब गोली ही हो सकती है। अब धर्मदेव की हत्या का जवाब किसकी हत्या से होगा? अभी तक उसके हत्यारे क्यों नहीं पकड़े गए?
वैसे तो दीपावली की रात तो उजाला लेकर आती है, पर इस परिवार में मातम का अंधेरा लेकर आई। परिवार में कोहराम मचा है। पिता को यह नहीं मालूम है कि उसके बेटे का आखिर कुसूर क्या था? उसकी मां, बहन, भाई, पत्नी और बेटी पर क्या गुजर रही होगी? परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
उसकी तेरह माह की बेटी को यह नहीं मालूम कि ये लोग क्यों रो रहे हैं? अब वह किसको पापा कहेगी? अब उसे कौन जवाब देगा? क्या राज ठाकरे या पाटिल उससे नजरें मिला पाएंगे?
जिस तरह से महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है, उसी तरह से दूसरे प्रांतों में मराठियों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
5 Comments:
bahut sahi likha hai....badhaaee
दुखद स्थिति है।
बेहद शर्म नाक
मराठियों को मारना,सही नही है यार.
गुस्सा आया हो अगर, तो बदलो सरकार.
बदलो अब सरकार,बदल डालो यह सिस्टम.
इस वोटों की राजनीति ने, तोङी हिम्मत.
कह साधक कवि, अपना गुस्सा नही मारना.
सही नही है यार, भारतीयों को मारना.
अफसोसजनक!!!
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