Tuesday, March 9, 2010

कब होगा हमारा सशक्तिकरण



अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जहां अधिकतर महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग की। वहीं सड़क के किनारे बनी दीवार के पत्थरों को रंगने में मशगूल ये महिलाएं नारी सशक्तिकरण का अर्थ नहीं जानती, इनकी चिंता सिर्फ यह है कि काम नहीं मिला तो चूल्हा कैसे जलेगा।

1 Comments:

At March 9, 2010 at 3:07 AM , Blogger Udan Tashtari said...

तबके में बँटा समाज..

 

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