Tuesday, December 30, 2008

लूट सको तो लूट लो (1)

जब हर तरफ लूट मची हो तो आम नागरिक के हाथ निराशा ही तो लगेगी। काम कोई भी कराना हो, बिना कुछ खर्च किए नहीं होने वाला है। शिक्षा के मंदिर भी अब लूटने में पीछे नहीं हैं। चाहे किसी कक्षा में दाखिला लेना हो या फिर घर बैठे डिग्री लेनी हो। अगर पैसा खर्च करोगे तभी ये सुविधाएं मिल पाएंगी, वर्ना नहीं। अगर उच्च शिक्षा कहीं से प्राप्त भी कर ली है तो उसकी मार्कशीट, डिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिलना आसान नहीं है।

यह तभी आसानी से मिलेगा जब या तो पैसा खर्च करों या फिर ऊपर तक पहुंच हो। नहीं तो इस खिड़की से उस खिड़की के चक्कर लगाते-लगाते जूते-चप्पल तो घिसेंगी ही। साथ ही, हो सकता है कि घर का भी रास्ता न याद रह जाए। फिर भी निराशा ही हाथ लगेगी। और अगर पैसा खर्च करोगे तो बिना कुछ पढ़े-लिखे ही घर बैठे डिग्री भी मिल जाएगी। उनसे और मोटी रकम वसूली जाती है, जो यह कहते हैं कि हम दूर-दराज से आए हैं। क्योंकि जब मजबूरी का सभी फायदा उठाते हैं तो ये लोग भला क्यों पीछे रहें।
[क्रमशः]

6 Comments:

At December 30, 2008 at 11:27 PM , Blogger नीरज गोस्वामी said...

नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
नीरज

 
At December 31, 2008 at 12:01 AM , Blogger amit said...

यह दिल की भड़ास निकालने के लिए है या किसी अन्य कारण से? शिक्षा के लिए तो शुरू से ही मोल चुकाने का चलन रहा है, पुरातन काल में भी विद्यार्थी गुरू दक्षिणा दे शिक्षा का मोल चुकाते थे।

अध्यापकों को भी अपने परिवार आदि का पालन पोषण करना होता है, तो विद्यार्थियों के मोल दिए बिना काम कैसे चलेगा?

और मार्कशीट, डिग्री तथा माईग्रेशन सर्टिफिकेट अलग-2 चीज़ हैं। माईग्रेशन सर्टिफिकेट का तो पता नहीं, कभी आवश्यकता नहीं पड़ी लेकिन जिस विश्वविद्यालय से मैं पढ़ा उसमें दिक्कत नहीं आई, मार्कशीट और डिग्री घर पर ही आई।

 
At December 31, 2008 at 1:01 AM , Blogger राज भाटिय़ा said...

एक रास्ता है जब कोई रिशवत मांगे खुब ऊंचा ऊंचा बोलो ओर लडो, फ़िर देखो केसे कोई रिश्ववत लेता है आप से, मै हमेशा यही करता हुं, जब भी भारत मै कोई मुझ से रिश्वत मागता है.

नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं

 
At December 31, 2008 at 1:23 AM , Blogger Dr. Ashok Kumar Mishra said...

बहुत अच्छा िलखा है आपने । जीवन और समाज की िवसंगतियों को यथाथॆपरक ढंग से शब्दबद्ध किया है । नए साल में यह सफर और तेज होगा, एेसी उम्मीद है ।

नए साल का हर पल लेकर आए नई खुशियां । आंखों में बसे सारे सपने पूरे हों । सूरज की िकरणों की तरह फैले आपकी यश कीितॆ । नए साल की हािदॆक शुभकामनाएं-

http://www.ashokvichar.blogspot.com

 
At December 31, 2008 at 8:58 AM , Blogger seema gupta said...

"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
regards

 
At January 1, 2009 at 10:29 PM , Blogger सचिन मिश्रा said...

amit ji, sabhi aap jaise khusnasib nahi hote hain.

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home