..ख्वाहिश जो पूरी न हो सकी
औलाद की खातिर लोग क्या कुछ नहीं करते हैं, पर उसने सिर्फ इसलिए अपने जिगर के टुकड़े की जान ले ली, क्योंकि वह खेत में काम करने के बजाए मदरसा पढ़ने के लिए चला गया।
आर्थिक तंगी की दौर से गुजर रहा इस परिवार का मुखिया चाहता था कि उसका बेटा पढ़ना छोड़कर खेतों में काम करे, ताकि मजदूरी से प्राप्त आय से घर की जरूरतों को पूरा किया जा सके जबकि उसका बेटा पढ़ना चाहता था। इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच भी अक्सर झगड़ा होता था, क्योंकि लड़के की मां बेटे को पढ़ाना चाहती थी।
लड़का जब मदरसे से लौटा तो इस बात को लेकर पति-पत्नी में फिर झगड़ा हुआ। झगड़े में बेटे ने अपनी मां का साथ दिया। इस बात से गुस्साए बाप ने बेटे को पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। नशे में धुत परिवार का मुखिया इतने गुस्से में था कि पिटाई के दौरान उसके पुत्र की मौत हो जाने के बाद भी वह उसे पीटता रहा।
जब इन महाशय को बेटे के अरमानों का गला ही घोंटना था तो फिर उसे जन्म क्यों दिया।
3 Comments:
बाप रे यह बाप था या कसाई
हद हो गई यह तो!!
सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद
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