धिक्कार है ऐसी जिंदगी को
उसने अपने पूरे परिवार को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर दिया। इसका कारण बनी उसकी शराब की लत। जी हां, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे व्यक्ति की, जिसके पास काफी धन-दौलत और जमीन-जायजाद थी। लेकिन उसे ऐसी शराब की लत लगी कि उसने सब कुछ बेच डाला। यहां तक कि उसने अपने घर को भी बेच डाला। उसके दो लड़के, एक लड़की, पत्नी और खुद वह आज पाई-पाई को मोहताज है।
बच्चों को तो उसे बाप कहते हुए शर्म आती है और पत्नी को पति कहने से। क्योंकि उसने अपने बच्चों व पत्नी के लिए कुछ रखा ही नहीं। उसके दो बच्चे बड़ा लड़का व लड़की तो अपने ननिहाल में रह रहे हैं, जबकि छोटा लड़का अपनी मां के पास रह रहा है। ननिहाल से लड़की की शादी हुई, पर मां-बाप उसमें शरीक नहीं हुए। मां व छोटा भाई तंगहाली के चलते नहीं जा सके, जबकि बाप जो हर वक्त शराब के नशे में ही रहता है, उसे जब अपना होश नहीं रहता है तो वह शादी में कैसे शिरकत करता।
ये महाशय जिनके यहां कभी सैकड़ों लोग मेहनत-मजदूरी करते थे, आज ये खुद उनके यहां मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं। वह भी अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए नहीं बल्कि शराब के लिए। पत्नी व बेटे के लिए इन्होंने कुछ रखा ही नहीं। अपने जिस घर को इन्होंने बेच डाला था, पत्नी व छोटे बेटे ने इधर-उधर से रुपयों का जुगाड़ कर उसे खरीद लिया था, हालांकि वह अभी उसका ऋण अदा कर रहे हैं।
परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी तो मां-बाप की होती है, पर यहां छोटा बेटा मां-बाप का भरण-पोषण कर रहा है। फिर भी ये महाशय अपनी हरकतों से बाज नहींआते हैं। कभी ये शराब के लिए घर में रखा अनाज, तो कभी बर्तन तक बेचने से गुरेज नहीं करते हैं।
हद तो तब हो गई, जब बेटा एक गाय लेकर आया और ये महाशय घर से तो उसे चराने गए पर उसे बाजार में बेच डाला और देर रात शराब के नशे में चूर होकर घर लौटे। हालांकि इस घटना के बाद मां-बेटे ने इनकी खूब पिटाई की, पर ये महाशय सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। शराब के लिए कभी-कभार इधर-उधर हाथ भी मार लेते हैं। काश! ये महाशय यदि अब भी सुधर जाएं तो मां-बेटे की मुश्किलें कुछ आसान हो जाएं।
3 Comments:
भाई शुरु मे अगर सभी देखते , ओर कारण ढुढते तो यह सज्जन आ शायद इतने बडे शराबी ना होते, इन के साथ साथ ओर भी कसुर बार हे, शायद इन की मां, शायद बीबी शायद दोनो ही.
धन्यवाद, एक सबक भरी पोस्ट का
बहुत-बहुत धन्यवाद
शराब की लत जो न करा दे.
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