काश! न फैलती अफवाह
वहीं दिन, वैसा ही माहौल...और वैसा ही हादसा, वैसी की चीत्कार...नयना देवी मंदिर में आज से 25 साल पहले 1983 में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। तब भी भगदड़ मची थी और करीब 55 लोग मारे गए थे। आज भी श्रावण नवरात्र का दूसरा दिन था, तब भी श्रावण नवरात्र का दूसरा ही दिन था। तब भी अफवाह ने ही भगदड़ मचाई थी और आज भी वैसा ही हुआ।
उस वक्त किसी ने सीढि़यों के गिरने की अफवाह फैला दी और भगदड़ मच गई थी, और आज मंदिर मार्ग पर सिंह द्वार पर ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिरने की अफवाह फैलने से रेलिंग टूटने के बाद मची भगदड़ से यह हादसा हुआ। हादसे में करीब सौ लोगों की मौत हो गई।
अब भले ही हादसे के बाद हिमाचल सरकार ने प्रदेश के मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नियम व व्यवस्था बनाने का ऐलान किया है। अगर पहले हादसे से सरकार चेत जाती और मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नियम व व्यवस्था बनाती तो शायद इतने लोगों की जानें न जातीं।
कब तक ऐसी अफवाहें फैलती रहेंगी और जानें जाती रहेंगी?
5 Comments:
सचमुच काश! न फैलती अफवाह दु:खद है ये
अब कया कहे... यह हर साल कही ना कही होता हे. धन्यवाद इस खबर के लिये
बहुत दुखद घटना है।
सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद
दु:खद
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