Tuesday, September 2, 2008

कहां जाएं लाचार

एक ओर कोसी की धार
दूसरी ओर लुटेरों की कतार
भूख से बिलखते उनके लाल
फिर भी नहीं बख्श रहे दलाल
चल रही सियासी रार
कहां जाएं लाचार.

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