तू न होती तो..
ब्लूलाइन : अगर तू न होती तो राहगीरों पर कौन कहर ढाती
तू ही तो दिल्ली की सड़कों पर राहगीरों पर है लगाम लगाती
कब तक तू यूं ही गुल रहेगी खिलाती
और वे पीटती रहेंगी अपनी छाती
क्या तूने सड़कों से राहगीरों को उठाने की है ठानी
ये मत भूल कभी तुझे भी पड़ेगी इसकी कीमत चुकानी.
4 Comments:
बहुत सही!!
क्या सही। कब तक सही!
sahi to hai par kab chukayegi ye blue line ki basen keemat.
kab-tak
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